-- 【पिंकू, अविरल और उनका प्यार】 -- 6

((थोड़ी सी और कोशिश तुम्हें भूलने की...
     जब रूह आपस मे मिल चुके हो तो जिस्म का अस्तित्व सिर्फ इतना रह जाता है कि वह रूह को थामें रखें।
     जब आसमान की मोतियां मेरे आँखों के मोतियों से आ कर मिलतीं हैं तो बरबश ही एक मिट्ठी गाली निकल आती है 'कमबख़्त बेवफ़ा'
    इश्क़ दुनिया का वह खूबसूरत जंग है जो आदमी लड़ता ही इसलिए है ताकि हार सके।))

-- 【पिंकू, अविरल और उनका प्यार】 -- 6

तुम्हारें प्यार में मैंने सीखा है झूठ बोलना छोटे मोटे षड्यंत्र करना ड्रामे करना बहाने करना कुल मिला कर कहूं तो 'स्वाभविक होना'।
पिंकू :: अच्छा तो तुम अभी स्वभाविक* हो

अविरल :: तो!?

पिंकू :: अरे बुद्धू.. क्या तुम्हें सच में इश्क़ करने नही आता या शख़्त बनने का भूत सवार है?

अविरल :: मतलब

पिंकू :: उफ़्फ़.. मेरी जान.. मेहबूब के पल्लू में सर रख दुनिया दारी की बातें करने वाले आप पहले आशिक़ होंगें। (हंसते हुए)

     मैं सोचती हूँ आप कभी कभी कितना उदास क्यों हो जातें हैं! सोचती हूँ मैं न रहूं तो आपको टोक टोक के कौन रोका करेगा? कैसे आप इस दुनिया को अपने आईने में रखने के बजाए खुद को रखिएगा! डर लगता है।

अविरल :: आप जब तक हैं मुझे कोई भी उदासी मिटा नही सकती और आपके बाद उदास होने के लिए कुछ बचेगा नही। आप बेवजह डरतीं हैं।
       आपके सीने में यह जो दिल धड़कता है न असल में कह रहा होता हैं.. यह इश्क़ करने के लिए है। आपके यह नाजुक से होंठ आईसक्रीम के गोले से कंप जाया करने के लिए हैं डर जैसे शब्द बोलने के लिए नही और..

पिंकू :: हां जी तो अब आया इश्क़ निखर के..
(अविरल सिर्फ मुस्कुरा के रह जाता है।)

पिंकू :: एक वादा क्यों नही करते क्यों नही कह देते की अब तुम उदासियों के उस जंगल मे कभी नही जाओगे जो तुम्हारे लिए बनी ही नही! कितना खूबसूरत लगता है तुम्हारा यह चेहरा जब तुम किसी भी बात को तोड़ मरोड़ कर उस पर हंस बैठते हो☺️ क्या सारी दुनिया का ठेका तुम ही ले रखे हो? मैं यह नही कहती तुम बात न करो लेकिन खुश भी तो रहा करो जैसे मेरे साथ रहने लगे हो वादा करो न मेरे बाद भी तुम्हारी आँखे युही निश्चल रहेंगी खिलखिलायेंगी चहकेंगी वादा करो न!

अविरल :: तुम्हारे बाद.. मेरे बाद.. क्या लगा रखी हो आज कल.. देखो हम कहीं नही जा रहें.. न एक दूसरे को जाने दे रहें और हां तुम्हारे बाद मेरे बाद के वादा का कोई अस्तित्व ही नही है हम हैं साथ और हैं।

पिंकू :: ह्म्म्म...

अविरल :: क्या हुआ

पिंकू :: नही... बस तुम उदास न रहने का वादा नही कर सकते तो गुस्सा रहने का ही वादा कर लो यह चढ़ी हुई नाक अच्छी लगती है तुम पर.. (हहह)

अविरल :: हहहहहह अब वापिस मत शुरू हो जाना।

J❤️
((सोचता हूं अपने बदनशीबी पर हंसी आती है
एक नाराज ही होना था वह भी न हो सका।।))

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