मैं

~ : मैं : ~

लगने लगे हैं ईल्जाम ये वो हो गया हूँ..
गुंगा बहरा नहि हूँ काफिर हो  गया हूँ..
कर लो जोर आपनी मैं मैं हो  गया हूँ..
यकीनन मैं सरकार विरोधि हो गया हूँ..

पर्वत टकरायांगे मूझसे और टूट जाएँगे..
हकीकत का, सच का आँधि हो गया हूँ..
कैद शब्द, मुखर और मैं मैं हो गया हूँ..
यकीनन मैं सरकार विरोधि हो गया हूँ..

मूझसे हैं बना तू तेरी ताकते तेरा वजूद..
और कहता तू कि मैं बावला हो गया हूँ..
लगने लगे हैं ईल्जाम ये वो हो गया हूँ..
यकीनन मैं सरकार विरोधि हो गया हूँ..

खाली कर ओहदा मेरा, कि हम चले हैं..
हटा तख्त-ताज आम जनता हो गया हूँ..
मैं हूँ हूकूमत अब और मैं मैं हो गया हूँ..
यकीनन मैं सरकार विरोधि हो गया हूँ..

~: ज्योतिबा अशोक   

No comments:

Post a Comment

-- 【 the story of every living dead stone. 】 --

-- 【 the story of every living dead stone. 】 -- At that stage when my colleagues and my cousins ​​try to strengthen the leg.   I was at th...