देखु मैं आपकी ख्वाब रात भर.,
अपनी रात आपके नाम की हैं।
याद की हैं, आपसे बात की हैं।
चाँद सितारों की दीदार की हैं।
देखु मैं आपकी ख्वाब रात भर.,
पुराने फूलो से मुलाकात की हैं।
इश्क़ की हैं, आपसे प्यार की हैं।
हमने झूठी सच्ची तकरार की हैं।
देखु मैं आपकी ख्वाब रात भर.,
उलझे पर्दे को दर किनार की हैं।
दिल दी हैं, आपसे इकरार की हैं
बिखरे खुश्बू की पहचान की हैं।
देखु मैं आपकी ख्वाब रात भर.,
अपनी रात आपके नाम की हैं।
वफ़ा की हैं, नई आगाज की हैं
आपसे बहुत बहुत प्यार की हैं।
~: ज्योतिबा अशोक
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