"याद आएंगे"
अभी बहुत उथल पुथल हैं दिल-ए-दरिया में।।
ये हलचल खमोश होगा हम तब याद आएंगे।।
लम्बी परछाई दूर तक खुद को तन्हा पायेगी।।
ये अश्क वर्फ सा होगा, हम तब याद आयंगे।।
वक़्त के लपटो में जल जब खार हो जाओगे।।
ये रंगमंच खामोश होगा, हम तब याद आएंगे।।
बहुत श्यानी हो अभी तो जो खूब खेलती हो।।
ये रूप का भम्र न होगा, हम तब याद आयेंगे।।
हाँ गिर जायेगा मोटा पर्दा मेरे इस किरदार पे।।
यूँ कभी अफसोस होगा, हम तब याद आएंगे।।
ढूंढ लेना आईने में अपनी आँखे रख "अशोक"
ये मूरत फिर से न होगा, हम तब याद आएंगे।।
~:ज्योतिबा अशोक
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