बदल जायेगा चेहरा, कल आज का तस्वीर याद आएगा।
जवानी के दिन में गुजारा हमको बचपना याद आएगा।
एक दो रंग बचे हैं मेरे जेब में, एक दो रंग हैं तेरे फाड़े में।
उड़ेगा संग गुलाल कल आज का लाल हरा याद आएगा।
टुकड़े टुकड़े को आओ समेट के रख ले भींगी पलक में।
गुजरते हुए लम्हे में ये गुजारा हुआ लम्हा याद आएगा।
जाना तुम भी बिछड़ हम भी तो कही खो जायेंगे भीड़ में
रस्ते के किसी मोड़ पे बिता मेला झमेला याद आएगा।
तब तब तुम भी उठा लेना पर्दा यादो के खिड़कियों से।
जबजब किसी मेज पे यारो का सिलसिला याद आएगा।
कल के किस्सों में हमे तो आज का जमाना याद आएगा।
जितना ये हमे याद आएगा, तुम्हे भी उतना याद आएगा।
बदल जायेगा चेहरा, कल आज का तस्वीर याद आएगा।
जवानी के दिन में गुजारा हमको बचपना याद आएगा।
~: ज्योतिबा अशोक
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