भारत भारत भारत
तुम अब भी गुलाम हो यक़ीनन
वरना जन गण क्यों गाते?
और भी बहुत थे यतार्थ तुम प्रिंस के पोते को क्यों गाते?
वो अच्छा था बहुत अच्छा था माना।
लेकिन तुम अधिनायक हैं क्यों गाते?
चलो ठीक बेहतर।
लेकिन अंधे तो नही
भूख से मरते बच्चे अर्धनग्न औरतों के सामने
सुजलाम सुफलाम मलयज सितलाम क्यों गाते?
तुम आज़ाद हो गर तो भारत क्यों नही बोलते?
ऊँचे आवाज में ऊँचे मंच से हिंदुस्तान चिल्लाते हो।
दम हैं कलेजे में तो चुप क्यों न हो जाते?
निकलो और निकालो पूरब के सूरज को।
अभी अस्त ही हैं हज़ारो सालो से।
वरना कुछ एक के कहने से पश्चिम को क्यों नकारते।
हिंदुस्तान क्या? कुछ भी नही।
अगर तुम ज़िंदा हो तो भारत भारत भारत क्यों न अलापते?
~: ज्योतिबा अशोक
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