इकरार
हमारी दुनिया, हमारी ख्वाबो सी।
कम थोड़ा कही पूरी सी।
इकरार हैं।
इकरार हैं तुम्हारे हर तान, वीणा के तार पे संजोय हर राग।
खूबसूरत सा तुम्हारा एहसास।
जो चहल कदमी बनी हैं तुम्हारे अन्तः पटल पे
वो उलझने, उभरी सारी मुश्किले।
बेचैन किये तुम्हे जो पल सताये जा रही।
ये तन्हाई,
जिसे रोज तुम झेले जा रही जो थोड़ा थोड़ा तुम्हे खाये जा रही।
आज से अब से मेरी,
हर एक स्वास में हमारी साझेदारी।
ये इकरार,
सब इकरार।
तुम्हारे एब इकरार।
और कुछ?
और नही बस कह दो
क्या तुम्हे भी
इकरार हैं?
मेरी कमिया कभी कभी मेरे गाए बेसुरे बिगड़े से गान।
हमारी दुनिया, हमारी ख्वाबो सा।
मुझे इकरार इकरार
कह दो क्या तुम्हे भी इकरार?
कह दो इकरार।
~: ज्योतिबा अशोक
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