कोई बच्चा मर गया है!
आज कल मौते बहुत हो रही हैं।।
लोगो में संवेदन शीलता दिखती ही नही।।
सुनने में आया हैं,
कोई बच्चा मर गया है!
वो भी भूख से?
ये सरकारे तो बस लोगो का खून चूसना जानती हैं।
नेता, पहले पाँच साल तो पूरे होने पे आते थे अरे अब तो चार साल पर ही आ जाते हैं।
बताओ इतने बड़े विलाशील देश में बच्चा मरना चाहिए?
वो भी भूख से!
हमारी न्याय व्यवस्था भी एक दम बेकार हैं।
उसका कोई रिस्तेदार भी नही था क्या?
कितने कठोर हो गए हैं आज कल के रिश्ते!
एक हमारा जमाना था।
रस्ते में कोई अजनबी भी मिल जाये तो उससे बाते करते मिलो चले जाते थे।
ख़ैर
शाम को आ कर पूछूँगा
मुहल्ले की तो बात हैं।
आज फिर लगता हैं दफ्तर को लेट हो जायेगी।
हद है इसे भी आज ही मरना था बच्चा हैं तो क्या हुआ?
~: ज्योतिबा अशोक
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