-【तुम्हारें इस चौड़े पेट मे】-
तुम्हारें इस चौड़े पेट मे कैसे आ जाता है सब कुछ?
दाल भात तो खाते ही हो!
फिर मेरे कफ़न मेरे अधिकार मेरी पूंजी मेरे बच्चे मेरे खेती मजदूरी के हथियार वो भी लोहे के! कैसे?
खा लेते हो यही बात मुझसे हज़म नही हो रही
तुम इसे खा कर पचा भी लेते हो ये बात मैं कैसे मानू?
इतना खाने के बाद मेरी बीवी बच्ची मां तुम्हे चखने चाटने को चाहिए होती है?
कहाँ से लाते हो दरिंदो सी भूख?
सफेद कॉलर में छिपे हुए भेड़िए तुम दरिंदे ही हो क्या?
हो तो एक बात पूछूं?
बोलो क्यों न मैं तुम्हारें सीने पर चहड़ के अपने इन्ही दांतो से तुम्हारे पेट को चीर दूँ?
बोलो क्यों न मैं तुम्हारें पेट मे बसते अंतड़ियों को अपने नाखूनों से फाड़ दूँ?
बोलो क्यों न मैं निकाल उन अंतड़ियों से अपने हथियार भर दूँ सुअर के खोबार में पका कर खाने वाले भात?
बोलो क्यों न फिर उस पेट को सील के तुम्हारे सामने सत्य का नंगा नाच करूँ?
हैं कोई जवाब मेरे किसी भी सवाल का?
क्या तुम वेतन नही लेते? फिर क्या चाहिए होता है तुम्हें? कम है तो छोड़ क्यों नही देते आ जाओ मेरे पास 10 को अपने हड्डि चूसवा चूसवा के जिंदा रखा हूँ 10 और आएंगे तो मैं मर तो नही जाऊंगा!
दो जवाब मुझे जवाब चाहिए।
जवाब दो कब मिलेगा भात मुझे भात चाहिए।
जवाब दो कब मिलेगा हथियार मुझे हथियार चाहिए।
बोलो कब मिलेगा पूंजी मुझे पूंजी चाहिए।
बोलो कब मिलेगा मुझे सम्मान मुझे सम्मान चाहिए।
वरना मैं यूँही भोंकते रहूंगा जब तक पा न जाऊँ या काट न खाऊँ।
याद रखना अच्छे से मुझमे हड्डिया हैं बस दांत और भी नुकीले हैं।
याद रखना।। याद रखना।। याद रखना।।
राजवंशी जे. ए. अम्बेडकर
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