()आज ज़िन्दगी में पहली बार चोट लगा है चोट मतलब जरा जोर से 25 26 साल में पहली बार पैर में या शरीर के किसी अंग में जरा कट आया है। टेटवाक्स इंजेक्शन तक लेना पड़ा दवा भी लगानी पड़ी है टैबलट भी सुबह शाम दो दो हालांकि किसी टांके या कुछ बांधने या साटने की जरूरत नही पड़ी है। आज तक मन के चोट के बारे में लिखता रहा आज पहली बार जिस्म पर चोट लगी है दो मिनट के लिए मन जिस्म सोच दिमाग सब कुछ सन्न... फिर समझ आया कि 2 मिनट पहले मेरे साथ क्या हुआ था! खैर बाउजी को अभी भी पता नही की मुझे इतनी चोट लगी गई है माँ को पता लगा तो वह 2 घण्टे तक सन्न थी।
लेकिन लिखना कौन छोड़ सकता है? आज ऐसे मुद्दे पर जो भारत मे ऐसा मुद्दा है जिसपर अधिकतर लोग मेरे बातो/विचारो को नकार जाए। लेकिन मेरा तर्क (एक बात बता दूं मुझे तर्क की चुनैती न दे मैं खुद कई बार आजमा चुका हूं आपके शब्दों में कहूँ तो मुझे तर्क में विजय होने का वरदान मिला हुआ है) मेरे शब्द यही कहतें है कि विभाजन के जिम्मेदार जिन्ना या जवाहर से ज्यादा पटेल थें साथ ही विभाजन का बीज भी काँग्रेस ने ही बोया था।()
- 【 पटेल 】-
वाह साहेब आप तो बेमिशाल निकलें
न हींग लगी न फिटकरी
मेरी कलम में आप तो कमाल निकलें
थोड़ दिया जवाहर को जिन्ना को भड़का दिया
जो गाँधी ने समझौते की बात की खुद से बगावत छेड़ दिया?
वायसराय के मशले पे आपने दमी कश ली
जो बात चर्चिल ने छेड़ी उसपे भी कन्नी काट ली!
खुद न आएं सामने और जगजीवन को उठा दिया!
क्या परेशानी थी आपको जरा बतलाते तो
लीग के सर मढ़ के देश को बांट दिया!
जरा सा भोग के लिए पूरी थाली जुठार दी
दो सौ बानवें पर उन्नाशी को ठुकरा दी!
क्या मिला साहेब आपको?
देश के इतिहास में बनने के लिए देश की अस्मिता लूटा दी!
अरे साहब घबराइए नही
ये वो इतिहास है जिसे चमचों ने दोहराया नही
सबने कहा आपने हौदरबाद को जोड़ा
आओ मुझसे मिलो न!
हां मैं कहता हूं आपने दो तरफ से हिन्दुस्तान को तोड़ा।
तोड़ा ही नही गर्त में धकेल दिया
जो बच सकता था उसे हिन्दू मुसलमान में रख दिया
अभी वो गुप चुप नीतियों का जिक्र ही नही करना
अरे जरा आओ पटेल जी थोड़ी बातें कर ले
ये जो रंग रहें है दिवालो को उनके कानों में आपके शब्दों को भर दें
फिर कहेंगे किसने कमाल किया
कौन था सिकन्दर किसने बेमिशाल किया
सैतालिश के बाद जो अभिशाप नष्ट था उसमे आप एक बीज दे गए
भेदनीति को पुनर्जीवित कर निकले
वाह साहेब आप तो बेमिशाल निकलें
न हींग लगी न फिटकरी
मेरी कलम में आप तो कमाल निकलें
वाह साहेब आप तो बेमिशाल निकलें
मेरी कलम में आप तो कमाल निकलें
राजवंशी जे. ए. अम्बेडकर
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