-- 【 जवाब चाहिए। 】--
भीड़ में बैठे हर शख्स को जवाब चाहिए
यह पूछे बगैर की क्यों?
तुम्हारी काबलियत क्या है? तुम्हारी हैसियत क्या है?
तुम क्या हो? क्यों हो? कैसे हो?
फिर हिंदी वाले को तमिल में जवाब मिले
अंग्रेजी वाले को पंजाबी में
तमिल वाले को भोजपुरी में
जानवर के रूप में या भगवान के रूप में
उसे समझ आए या न आए
मगर वह खुश है जवाब मिला।
उसके हक़ में या उसके खिलाफ क्या फर्क पड़ता है कौन सा समझ आ रहा है!
लेकिन इन सब से इतर
गिर चुकी, बनी हुई, बनने वाली सरकारों को चाहिए होता है मत। विशुद्ध रूप से मत।
जहां से जिस भी भाषा में मिले।
वो जवाब देने को तैयार है
वो तैयार हैं राजस्थान में हरित क्रांति के ख्वाब दिखाने को
बिहार में वस्तुकला स्थापित करने को जहां की मिट्टी 50 साल भी किसी दिवार को खड़ा नही रख सकती।
कन्याकुमारी में बर्फ़बारी के ख्वाब देखते लोगो का सवाल है किस प्रकार!
तो सरकार भोजपुरी में कहती है "एहिंगन एहिंगन"।।
राजवंशी जे. ए. अम्बेडकर❤️
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